गोवर्धन असरानी की जीवनी | Govardhan Asrani Biography in Hindi (2025)
गोवर्धन असरानी, जिन्हें पूरी दुनिया में सिर्फ़ “असरानी” के नाम से जाना जाता है, हिन्दी सिनेमा के उन चुनिंदा कलाकारों में से हैं जिन्होंने हास्य को एक नया आयाम दिया। उनका अभिनय, उनकी आवाज़ और उनका अंदाज़ हर दर्शक के दिल में आज भी बसता है। चाहे बात हो ‘शोले’ के मशहूर जेलर की या ‘चुपके चुपके’ के भोले-भाले किरदार की — असरानी ने हर बार अपनी छाप छोड़ी।
प्रारंभिक जीवन और परिवार
असरानी का जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था। उनका पूरा नाम गोवर्धन असरानी है। वे एक सिंधी हिंदू परिवार से ताल्लुक रखते थे। पिता एक कालीन व्यापारी थे और परिवार में कुल सात भाई-बहन थे। असरानी बचपन से ही नाटकों और mimicry में गहरी दिलचस्पी रखते थे। उनके दोस्त और परिवारजन कहते थे कि असरानी बचपन में किसी भी व्यक्ति की आवाज़ और बोलने का ढंग हू-बहू कॉपी कर लेते थे।
जयपुर में ही असरानी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान वे स्कूल ड्रामा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। उनके अंदर का कलाकार धीरे-धीरे उभरने लगा था। उन्होंने अखिल भारतीय रेडियो, जयपुर में वॉयस आर्टिस्ट के रूप में भी काम किया जिससे उन्हें मंच अनुभव और आत्मविश्वास मिला।
शिक्षा और फिल्म संस्थान का सफर
असरानी ने 1960 के दशक में अभिनय को पेशे के रूप में अपनाने का फैसला किया। उन्होंने Film and Television Institute of India (FTII), पुणे में 1964 में दाखिला लिया। वहाँ उन्हें अभिनय की बारीकियाँ सिखाने वाले शिक्षक थे गुरुदत्त सिंह और रोजर मैन। असरानी के बैच में शत्रुघ्न सिन्हा, सुभाष घई और जया भादुड़ी जैसे नाम भी थे।
FTII में असरानी की प्रतिभा जल्द ही सबकी नजर में आ गई। वे हास्य भूमिकाओं के साथ-साथ भावनात्मक और गंभीर किरदारों को भी बड़ी सहजता से निभाते थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद असरानी मुंबई (तब बंबई) आए और फिल्मों में काम तलाशने लगे।
फिल्मी करियर की शुरुआत
असरानी ने 1967 में अपनी पहली फिल्म ‘हरे कांच की चूड़ियां’ से डेब्यू किया। इस फिल्म में उन्होंने एक छोटी भूमिका निभाई लेकिन उनके अभिनय को सराहा गया। इसके बाद वे कई फिल्मों में सपोर्टिंग रोल में दिखे। शुरुआती दिनों में उन्हें संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उनका धैर्य और मेहनत रंग लाया।
1970 का दशक असरानी के करियर का स्वर्ण काल साबित हुआ। उन्होंने ‘चितचोर’, ‘अभिमान’, ‘आंधी’, ‘चुपके चुपके’, ‘शोले’, ‘बावर्ची’, ‘गोलमाल’, ‘नमक हराम’, ‘अमर अकबर एंथनी’ जैसी दर्जनों फिल्मों में काम किया। उनके संवाद, उनकी टाइमिंग और मासूम चेहरा दर्शकों को खूब भाया।
‘शोले’ का मशहूर जेलर किरदार
1975 में रिलीज़ हुई ‘शोले’ में असरानी ने जेलर की भूमिका निभाई थी। यह किरदार छोटा जरूर था, लेकिन इतना यादगार बना कि आज भी लोग उनके संवाद “हम अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर हैं” को बड़े प्यार से याद करते हैं। उस एक सीन ने असरानी को हास्य अभिनेता के रूप में अमर कर दिया।
राजेश खन्ना और असरानी की जोड़ी
राजेश खन्ना और असरानी की दोस्ती पूरे फिल्म उद्योग में मिसाल मानी जाती थी। दोनों ने करीब 25 फिल्मों में साथ काम किया जिनमें ‘अमर प्रेम’, ‘आंधी’, ‘अवतार’, ‘बावर्ची’ और ‘अलाग अलग’ शामिल हैं। राजेश खन्ना ने एक बार कहा था कि “असरानी हर फ्रेम को जिंदा कर देते हैं।”
कॉमेडी के साथ गंभीर अभिनय
असरानी को लोग अक्सर एक कॉमेडियन के रूप में जानते हैं, लेकिन उन्होंने कई फिल्मों में गंभीर किरदार भी निभाए। ‘आंधी’ में उन्होंने एक ईमानदार सरकारी कर्मचारी की भूमिका निभाई थी। वहीं ‘कटी पतंग’ और ‘नमक हराम’ में भी उनके भावनात्मक किरदारों ने दर्शकों को प्रभावित किया।
निर्देशन और लेखन
असरानी सिर्फ़ अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक निर्देशक और लेखक भी थे। उन्होंने 1977 में अपनी पहली निर्देशित फिल्म ‘ओस की बूंद’ बनाई। इसके बाद उन्होंने कुछ गुजराती फिल्मों का निर्देशन भी किया। हास्य की गहरी समझ के कारण उन्होंने कई फिल्मों की कहानी और पटकथा पर भी काम किया।
टीवी करियर
1990 के दशक में जब टेलीविजन लोकप्रिय हो रहा था, असरानी ने भी छोटे पर्दे पर कदम रखा। उन्होंने ‘Hum Paanch’, ‘Faasle’, ‘Shrimaan Shrimati’, ‘Dekh Bhai Dekh’ जैसे लोकप्रिय टीवी शो में काम किया। उनका हास्य और ऊर्जा टीवी दर्शकों को भी खूब पसंद आई।
निजी जीवन
असरानी ने अभिनेत्री मन्जू असरानी से विवाह किया जो 1970-80 के दशक की जानी-मानी अभिनेत्री थीं। दोनों की मुलाकात एक फिल्म सेट पर हुई थी और धीरे-धीरे यह रिश्ता जीवनसाथी तक पहुंच गया। मन्जू असरानी खुद भी गुजराती और हिंदी फिल्मों में सक्रिय रहीं। दंपति का एक बेटा है जो मुंबई में फिल्म निर्माण से जुड़ा हुआ है।

नेट वर्थ 2025 (Govardhan Asrani Net Worth 2025)
2025 के अनुमान के अनुसार, असरानी की कुल संपत्ति (Net Worth) लगभग 20 करोड़ रुपये आंकी गई है। उन्होंने यह संपत्ति मुख्य रूप से फिल्मों, टीवी शोज़, और ब्रांड एंडोर्समेंट्स से अर्जित की। अपने जीवन के अंतिम वर्षों में भी वे कई विज्ञापनों और स्टेज शो में सक्रिय थे।
पुरस्कार और सम्मान
- 1974 में फिल्म ‘Aaj Ki Taaza Khabar’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट कॉमिक एक्टर अवार्ड मिला।
- 1981 में फिल्म ‘Balika Badhu’ के लिए भी उन्हें बेस्ट कॉमेडियन का अवार्ड मिला।
- फिल्म इंडस्ट्री में 50 वर्षों से अधिक योगदान देने पर 2019 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
असरानी के प्रसिद्ध संवाद
असरानी के संवाद लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गए। कुछ प्रसिद्ध डायलॉग इस प्रकार हैं:
- “हम अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर हैं…” — (शोले, 1975)
- “साहब, ये तो बड़ा खतरनाक आदमी है।” — (चुपके चुपके)
- “ज़िंदगी को हँसकर जीना ही असली कला है।” — (इंटरव्यू, 2010)
मृत्यु और विरासत
20 अक्टूबर 2025 को असरानी का निधन 84 वर्ष की आयु में मुंबई में हुआ। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से पूरा बॉलीवुड और देशभर के दर्शक शोक में डूब गए। अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, जॉनी लीवर और कई दिग्गजों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी।
असरानी ने भारतीय सिनेमा में हास्य की परिभाषा को बदला। वे न सिर्फ़ एक कॉमेडियन थे बल्कि एक कलाकार, एक शिक्षक, और एक युग थे। उन्होंने दिखाया कि हँसी सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि भावनाओं को जोड़ने का माध्यम भी हो सकती है।
असरानी से जुड़ी कुछ रोचक बातें
- असरानी ने 350 से अधिक फिल्मों में काम किया — जिनमें हिन्दी, गुजराती, पंजाबी और मराठी फिल्में शामिल हैं।
- उन्होंने अपने करियर में लगभग हर बड़े स्टार — अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, राजेश खन्ना, ऋषि कपूर, गोविंदा और सलमान खान — के साथ काम किया।
- वे एक अनुशासित कलाकार थे — शूटिंग सेट पर कभी देर से नहीं पहुंचे।
- असरानी मानते थे कि “कॉमेडी सबसे कठिन अभिनय है क्योंकि इसमें सच्चाई छिपी होती है।”
निष्कर्ष
गोवर्धन असरानी का जीवन सिनेमा प्रेम, अनुशासन, और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने अपनी प्रतिभा से हँसी, संवेदना और वास्तविकता तीनों को पर्दे पर उतारा। आज भी जब उनकी पुरानी फिल्में टेलीविजन पर आती हैं, दर्शक मुस्कुरा उठते हैं — यही असरानी की असली सफलता है।
FAQs – असरानी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: असरानी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: असरानी का जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था।
प्रश्न 2: असरानी की पत्नी कौन हैं?
उत्तर: उनकी पत्नी का नाम मन्जू असरानी है, जो स्वयं अभिनेत्री हैं।
प्रश्न 3: असरानी की नेट वर्थ कितनी है?
उत्तर: 2025 में असरानी की अनुमानित नेट वर्थ लगभग 20 करोड़ रुपये थी।
प्रश्न 4: असरानी की सबसे प्रसिद्ध फिल्म कौन-सी है?
उत्तर: ‘शोले’, ‘चुपके चुपके’, ‘गोलमाल’, ‘बावर्ची’, ‘आंधी’, ‘नमक हराम’ आदि उनकी सबसे लोकप्रिय फिल्में हैं।
प्रश्न 5: असरानी का निधन कब हुआ?
उत्तर: 20 अक्टूबर 2025 को मुंबई में असरानी का निधन हुआ।
लेखक की टिप्पणी: यह जीवनी विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों (India.com, NDTV, Indian Express, Wikipedia आदि) के आधार पर पूरी तरह से पुनर्लिखित (plagiarism-free) सामग्री है, जो WordPress SEO-अनुकूल फॉर्मेट में प्रस्तुत की गई है।




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