व्लादीमीर लेनिनका जीवनी, व्लादीमीर लेनिनका जीवन परिचय, बायोग्राफी, कौन है, विकी, उम्र, रोचक तथ्य, लंबाई, गर्ल फ्रेंड, पत्नी और संपत्ति (Lenin Biography in Hindi, Jivani, Lenin biography, Family, lenin kaun tha, vladimir lenin biography in hindi)
Lenin ka pura naam व्लादिमीर इलिच उल्यानोव था। Lenin एक प्रमुख रूसी राजनीतिक नेता, विचारक, और समाजवादी थे। लेनिन एक समाजवादी विचारक थे और रूसी समाजवादी पक्ष के संस्थापक थे, जिसके बाद उन्होंने बोल्शेविक पार्टी की स्थापना की। उन्होंने रूसी क्रांति के लिए लड़ाई लड़ी और रूस के सोवियत समाजवादी फेडरेटिव सोशलिस्ट रिपब्लिक (सोवियत यूनियन) की स्थापना की। लेनिन के विचारों और नेतृत्व के कारण उन्हें रूस में और विश्व भर में व्यापक प्रभावी व्यक्ति के रूप में माना जाता है, और उनका योगदान विश्व समाजवाद और कम्युनिज्म के विकास में महत्वपूर्ण रहा है।
व्लादीमीर लेनिन का जीवन परिचय (Lenin Biography in Hindi)
नाम | व्लादिमीर इल्यिच उल्यानोव |
जन्म तिथि | 22 अप्रैल, 1870 |
मृत्यु तिथि | 21 जनवरी, 1924 |
जन्म स्थान | सिम्बीर्स्क, रूसी साम्राज्य |
शिक्षा | उनिवर्सिटी ऑफ सेंट पीटर्सबर्ग, अधिग्रहीति और वित्तीय समर्थन के लिए प्रयास किया। |
राजनीतिक संगठना वर्ष | रूसी समाजवादी कार्यकर्ता 1898 |
प्रमुख विचारधारा | मार्क्सवादी लेनिनवाद |
प्रमुख किताबें | “दूरुद्वार” |
रूसी संघ | रूसी समाजवादी कार्यकर्ता 1917-1922 |
कार्यकाल | रूसी संघ के प्रधानमंत्री 1922-1924 |
व्लादीमीर लेनिन जन्म और परिवार (Lenin Birth and Education, lenin ka janm kab hua tha)
Lenin व्लादिमीर लेनिन का बचपन और शिक्षा संबंधी अध्याय उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। लेनिन का बचपन रूस के संत पीटर्सबर्ग (अब सेंट पीटर्सबर्ग, रूस) में हुआ था। उनका जन्म 22 अप्रैल, 1870 को हुआ था और उनके पिता का नाम दामोदर राव सावरकर था। उनके पिता एक शिक्षक और प्रोफेसर थे जिन्होंने अपने शिक्षा प्रचार्य के रूप में विभिन्न शहरों में काम किया था। लेनिन के परिवार का व्यापारी वर्ग से संबंध था, लेकिन उनके पिता का प्रभाव उन्हें समाजवादी विचारों की ओर खींच लाया। लेनिन के बचपन के दौरान उनकी मां राधाबाई सावरकर ने भी उनके बुद्धिजीवी विकास को प्रोत्साहित किया।
उन्हें धर्म, संस्कृति और राजनीति के मूल्यों का गहरा ज्ञान था, जिसने उनके बुद्धिजीवी विकास को संवृद्धि दी। शिक्षा के क्षेत्र में, लेनिन को उच्च शिक्षा का अवसर मिला। उन्होंने संत पीटर्सबर्ग के सर्वियोरस्की गिम्नासियम में अध्ययन किया। वहां उन्हें गृहित विद्या, साहित्य, भूगोल, इतिहास, गणित और विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा प्रदान की गई। विद्यार्थी जीवन के दौरान ही लेनिन ने समाजवादी विचारों के प्रति रुचि जताना शुरू किया।
लेनिन का बचपन और शिक्षा का यह अध्याय उनके जीवन के एक महत्वपूर्ण अध्याय को विस्तार से प्रकट करता है, जिससे उनके विचारों और समाजवादी विचारधारा के निर्माण की प्रक्रिया को समझा जा सकता है। इस अध्याय में लेनिन के बचपन के उनके परिवार और शिक्षा से उनके समाजवादी चिंतन तक के संघर्ष की रूपरेखा प्रस्तुत की जाती है। व्लादीमीर लेनिन के परिवार और उनके शिक्षा संबंधी मूल्यपूर्ण प्रसंग उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलु हैं, जो उन्हें एक विचारशील, देशभक्त, और क्रांतिकारी बनाया।
व्लादीमीर लेनिन रूसी क्रांति में लेनिन की भूमिका बताइए
रूसी क्रांति में व्लादिमीर लेनिन की भूमिका एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली थी, जिसने रूसी समाज को समाजवादी चिंतन की दिशा में मोड़ दिया। उनके समाजवादी विचार और नेतृत्व में रूस के संघर्ष को एक नई दिशा दी और रूसी क्रांति को सफलता की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। निम्नलिखित हैं कुछ महत्वपूर्ण तत्व जो लेनिन की भूमिका को समझाते हैं:
1. समाजवादी विचार और रूसी समाज: लेनिन ने समाजवाद की सिद्धांतों का प्रचार किया और रूसी समाज में इसे प्रसारित किया। उनके विचारों के अनुसार, रूस में व्यापारी वर्ग के अत्याचार और गरीबी का समाधान केवल समाजवाद से हो सकता था। वे रूसी जनता को जागरूक करने में सक्रिय रहे और उन्हें समाजवादी संगठनों में शामिल किया।
2. बोल्शेविक पार्टी की स्थापना: लेनिन ने 1903 में रूसी समाजवादी कार्यकर्ताओं के बीच विभाजन के बाद बोल्शेविक पार्टी की स्थापना की। उन्होंने इस पार्टी को समाजवादी विचारों के प्रसार में सक्रिय बनाया और उसके नेतृत्व में रणनीतिक और संघर्षी विधियों का प्रयोग किया।
3. अक्टूबर क्रांति और सोवियत संघ की स्थापना: लेनिन ने 1917 में रूसी क्रांति के द्वारा सोवियत संघ की स्थापना की। उन्होंने अक्टूबर क्रांति के नेतृत्व में बोल्शेविक पार्टी के साथ मिलकर सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन का मार्ग तय किया।
4. सोवियत संघ के प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश के रूप में: लेनिन ने सोवियत संघ के प्रधानमंत्री के रूप में अपने नेतृत्व में देश का प्रशासन किया और बाद में प्रधान न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने संघर्षी नीतियों के जरिए रूसी समाज के विकास के लिए प्रयास किया।
लेनिन की तीन मांगे क्या थी
लेनिन की तीन मांगों को उनके समाजवादी आन्दोलन के तैयार होने के दौरान व्यक्त किया गया था और ये मांगें उनके विचारों का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। निम्नलिखित हैं लेनिन की तीन मांगों की सारांश:
1. भूमि का समावेश: लेनिन ने पहली मांग में भूमि के समावेश को रखा था। उन्होंने किसानों को समाजवादी आन्दोलन में शामिल करने के लिए किसानों की भूमि को समाजवादी सरकार द्वारा समावेशित करने की मांग की थी। उनके विचार में, भूमि का समावेश किसानों को उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने और समाजवादी आन्दोलन में भाग लेने में सक्षम बनाने में मदद करता है।
2. उच्च शिक्षा और स्वराज्य: लेनिन ने दूसरी मांग में उच्च शिक्षा के समावेश को रखा था। उन्होंने शिक्षित वर्ग को समाजवादी आन्दोलन में शामिल करने के लिए उच्च शिक्षा के समावेश की मांग की थी। उनके विचार में, शिक्षित वर्ग के समर्थन से समाजवादी आंदोलन को स्वराज्य की दिशा में एक बलवान शक्ति मिलती है।
3. समाजवादी आंदोलन की अगुआई: तीसरी मांग में, लेनिन ने समाजवादी आंदोलन की अगुआई को रखा था। उन्होंने समाजवादी आंदोलन को सक्रिय रूप से नेतृत्व करने के लिए अपनी मांग किया था। उनके विचार में, नेतृत्व के माध्यम से समाजवादी आंदोलन को संघर्षी और सफल बनाने में मदद मिलती है और उसे आंतरिक और बाह्य दुश्मनों से संघर्ष करने में सक्षम बनाती है।
लेनिन के सिद्धांत
व्लादिमीर लेनिन के सिद्धांत समाजवादी विचारधारा पर आधारित थे। उनके सिद्धांतों के माध्यम से उन्होंने समाजवादी आंदोलन को विकसित किया और सोवियत संघ के नेतृत्व में रूस में समाजवादी राष्ट्र की स्थापना की।
1. इम्पीरियलिज्म: लेनिन का प्रमुख सिद्धांत था इम्पीरियलिज्म। उन्होंने कहा था कि इम्पीरियलिज्म विदेशी उपनिवेशों की लूट और शोषण का कारण बनता है और यह विश्व भर में भ्रष्टाचार, संघर्ष और असमानता का कारण बनता है।
2. प्रशासनिक आपूर्ति: लेनिन के द्वारा विकसित एक और महत्वपूर्ण सिद्धांत था प्रशासनिक आपूर्ति। उन्होंने कहा था कि समाजवादी सरकार को स्वयंसेवी और उदार रूप से रहना चाहिए और यह अपने लोगों को सेवा करने में समर्थ होना चाहिए।
3. समाजवादी संघर्ष: लेनिन ने समाजवादी संघर्ष की आवश्यकता को भी बताया। उन्होंने कहा था कि समाजवादी संघर्ष के माध्यम से विभिन्न वर्गों को जोड़ा जा सकता है और इससे उन्हें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की शक्ति मिलती है।
4. सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष: लेनिन ने सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष को आवश्यकता का भी महत्व दिया। उन्होंने कहा था कि समाजवादी आंदोलन को अपने आदर्शों और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संघर्ष करने की जरूरत होती है और इसके लिए संघर्षी नीतियों का प्रयोग करना चाहिए।
व्लादीमीर लेनिन विचारधारा और उपलब्धियाँ Lenin Biography in Hindi
उनकी प्रमुख विचारधारा समाजवाद थी, जिसे मार्क्सवाद भी कहा जाता है। उन्होंने कार्ल मार्क्स और फ्रेड्रिक एंगेल्स द्वारा विकसित की गई मार्क्सवादी सिद्धांतों को अपनाया और उन्हें रूसी समाज के अनुसार उतारा गया। उनका मानना था कि कपिलिस्ट शोषण और असमानता के खिलाफ समाजवादी संघर्ष की जरूरत है, और इससे समाज में न्याय और समानता स्थापित की जा सकती है। उन्होंने किसानों, श्रमिकों और गरीब लोगों को समाजवादी आंदोलन में शामिल करने का प्रोत्साहन दिया और उन्हें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की साहसिकता दिखाई।
व्लादिमीर लेनिन की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं
1. रूसी समाजवादी आंदोलन के नेतृत्व में: व्लादिमीर लेनिन रूस में समाजवादी आंदोलन के प्रमुख नेता थे। उन्होंने बोल्शेविक पार्टी की स्थापना की और उसे समाजवादी संघर्ष के लिए एक मजबूत संगठन बनाया। उनके नेतृत्व में हुई अक्टूबर क्रांति ने रूसी समाज में बदलाव ला दिया और सोवियत संघ की स्थापना की गई।
2. सोवियत संघ की स्थापना: उन्होंने नेतृत्व में हुई अक्टूबर क्रांति ने रूस में सोवियत संघ की स्थापना की। सोवियत संघ एक समाजवादी राष्ट्र की पहली स्थापना थी जो भूमिकाराहित और सामाजिक असमानता से मुक्त भविष्य की राह दिखाई।
3. नई आर्थिक नीति: लेनिन ने रूसी समाज में कृषि और उद्योग के क्षेत्र में नई आर्थिक नीति अपनाई। उन्होंने भूमि संरचना को समाजवादी आधार पर बदला और गरीब किसानों को भूमि का स्वामित्व दिया। उन्होंने उद्योगीकरण को बढ़ावा दिया और राष्ट्रीय निर्माण के लिए नई योजनाएं बनाई।
4. रूसी साहित्य में योगदान: उन्होंने रूसी साहित्य में भी अपना योगदान दिया। उनकी कई पुस्तकें और लेख समाजवादी विचारधारा को समर्थन करती हैं और रूसी समाज में समाजवादी चर्चा को बढ़ावा देती हैं।
5. संघर्षी भाव: लेनिन संघर्षी भाव और समाजवादी आंदोलन के प्रति अपने समर्थन के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने रूसी समाज के गरीब और कामगार लोगों को उत्साहित किया और उन्हें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।
व्लादीमीर लेनिन पत्नी (Lenin wife) Lenin Biography in Hindi
व्लादिमीर लेनिन की पत्नी का नाम “नादेज़्दा कृप्स्काया” था। व्लादिमीर लेनिन रूसी समाजवादी आंदोलन के नेतृत्व में थे और उनकी संज्ञाना के साथ नादेज़्दा भी एक प्रमुख समाजवादी कार्यकर्ता और विचारक थीं।नादेज़्दा और व्लादिमीर लेनिन की मुलाकात रूसी समाजवादी आंदोलन के कारण हुई थी, और दोनों ने समाजवादी कार्यकर्ता के रूप में एक दूसरे के साथ समाजवादी विचारों को समर्थन किया।
वे समाजवादी आंदोलन के लिए संघर्ष करने में एक साथ काम करते थे और विभिन्न समाजवादी चर्चा और कार्यक्रमों में भी सम्मिलित थे। व्लादिमीर लेनिन की मृत्यु के बाद, नादेज़्दा ने उनके विचारों के प्रसार में काम किया और समाजवादी आंदोलन के विकास में अपना योगदान दिया।
लेनिन की मृत्यु
व्लादिमीर लेनिन की मृत्यु 21 जनवरी, 1924 को हुई। उनकी उम्र 53 वर्ष थी। लेनिन की मृत्यु का कारण राजनैतिक जीवन में अधिक काम करने और बौद्धिक चिंतन में ज्यादा दबाव डालने के कारण था। लेनिन को एक रूसी समाजवादी आंदोलन के नेतृत्व में रहते हुए व्यस्त जीवन बिताने की वजह से उन्हें कई सेहत संबंधी समस्याएं थीं, जिसमें इंस्ट्रोक भी शामिल था। इसके बाद उन्होंने विशेषज्ञों द्वारा सलाह ली और लंबे समय तक आराम भी किया, लेकिन उनकी स्थिति और उच्च जिज्ञासा के चलते उन्हें जीवन के अंतिम दिनों तक अपने दिमागी काम में जुटे रहना पड़ा।
21 जनवरी, 1924 को उनकी मृत्यु हो गई, और उनके शरीर को अलग करके सुपुत्र व्लादिमीर लेनिन के नाम से एक समारोही जगह पर रख दिया गया। लेनिन की मृत्यु के बाद, उनकी यादों को समर्थन मिलता रहा और उनके सिद्धांतों को समाजवादी आंदोलनों ने आगे बढ़ाने के लिए काम किया। वे एक महान समाजवादी नेता थे जिनका योगदान समाज के लिए अमर रहेगा।
व्लादीमीर लेनिन के बारे में रोचक तथ्य (Lenin Facts)
1. जन्म और पूर्वज: व्लादिमीर लेनिन का जन्म 22 अप्रैल, 1870 को रूस के सिमबीर्स्क (Simbirsk) नामक स्थान पर हुआ था। उनके पूर्वज एक संघर्षी परिवार से थे और उनके परिवार में समाजवादी विचारधारा का प्रभाव था।
2. समाजवादी कार्यकर्ता: लेनिन रूसी समाजवादी आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता थे और उनके विचारों ने रूसी समाज को एक उत्तेजक और समर्थ शक्ति बनाया। उन्होंने बोल्शेविक पार्टी की स्थापना की और इसे समाजवादी संघर्ष के लिए एक मजबूत और संघर्षी संगठन बनाया।
3. एक ब्रिलियंट लेखक: लेनिन एक ब्रिलियंट लेखक और विचारक थे। उनके नाम से कई पुस्तकें और लेख समाजवादी विचारधारा के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। उनके लेखन में संघर्षी भाव और समाजवादी आंदोलन के लक्ष्यों की प्राथमिकता निहित रहती थी।
4. अक्टूबर क्रांति: लेनिन के नेतृत्व में 1917 में रूस में अक्टूबर क्रांति हुई और सोवियत संघ की स्थापना की गई। यह क्रांति रूसी समाज में भ्रष्टाचार, असमानता और विदेशी शासन के खिलाफ समाजवादी आंदोलन की एक महत्वपूर्ण जीत थी।
5. नादेज़्दा कृप्स्काया: लेनिन की पत्नी का नाम नादेज़्दा कृप्स्काया था। वे भी एक समाजवादी कार्यकर्ता थीं और लेनिन के साथ समाजवादी विचारों को समर्थन करती थीं।
6. मृत्यु: व्लादिमीर लेनिन का निधन 21 जनवरी, 1924 को हुआ। उनकी मृत्यु के बाद, उनके विचारों को आगे बढ़ाने के लिए सोवियत संघ के नेतृत्व में अन्य नेताओं ने काम किया और रूस में समाजवादी संघर्ष जारी रहा।
7. स्मारक: लेनिन की याद में रूस में कई स्मारक बनाए गए हैं। उनके सम्मान में रूसी समाजवादी आंदोलन के लिए एक स्थायी स्मारक भी बनाया गया है, जो उनके योगदान को सलामी करता है।
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