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ईसा मसीह का जीवन परिचय | Jesus Biography in Hindi

July 27, 2023 by Editor Leave a Comment

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यीशु जीवनी, एक पवित्र धार्मिक लीला, मिसालदार विचारधारा और इंसानियत के संदेशक के रूप में प्रसिद्ध है। विश्व भर में उनके जीवन की कहानी, उनके उपदेशों और उनके संदेशों के प्रसार के लिए सम्मान की जाती है। इस लेख में, हम यीशु के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं और उनके धार्मिक विचारों के बारे में हिंदी में जानकारी प्रदान करेंगे।

ईसा मसीह का जीवन परिचय (Jesus Biography in Hindi)

नाम ईसा (भी जाना जाता है जीसस क्राइस्ट, जीसस ऑफ़ नजरेथ)
जन्म लगभग 4 ईसा पूर्व/ पूर्व क्रिस्त युग (यह सटीक तिथि के विवादास्पद है)
जन्म स्थान बैथलेहम, जुड़ाई (आधुनिक इस्राइल)
माता-पिता माता: पवित्रा मरियम, पिता: जोसेफ
बचपन का समय नाजरेथ, गलील में बढ़ाया गया, व्यावसायिक रूप से बढ़ाया गया था
मिशन लगभग 27-29 ईसा पूर्व से प्रारंभ किया, प्रेम, करुणा, क्षमा, और भगवान के राज्य का प्रचार किया
प्रमुख उपदेश सर्मन ऑन द माउंट, प्रसंग (जैसे, गुड समरीटन, प्रोडिगल सन), ग्रेटेस्ट कमांडमेंट्स: प्रभु से प्रेम करो और पड़ोसी से प्रेम करो
गद्दारी यहूदा ईस्करियोत ने प्राधिकरणों को ईसा को धोखा देकर बेच दिया
क्रूसीकरण लगभग 30-33 ईसा पूर्व (यह सटीक वर्ष के विवादास्पद है)
मृत्यु यरूशलेम में क्रूस पर चढ़ा दिया गया था
पुनरुत्थान तीन दिनों के बाद वे मृतक से उठे थे
महत्वपूर्णता ईसाई धर्म के संस्थापक, ईसाई धर्म में मुख्य व्यक्ति, ईसाई धर्मियों के अनुसार ईश्वर के पुत्र को माना जाता है
विरासत – उनके उपदेश और संदेश आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं

Jesus Biography in Hindi

ईसा मसीह जन्म और परिवार (Jesus Birth and Education)

ईसाई धर्म के अनुयायियों के अनुसार, ईसा मसीह भगवान के पुत्र थे और उनका जन्म दिव्य अवतार रूप में हुआ था। उनके जन्म के घटना को “विर्जिन बर्थ” या “इंकार्नेशन” कहा जाता है, जिसके अनुसार ईसा मसीह की माता पर्थी थीं और उन्होंने बिना किसी पुरुष के सहायता के ही ईसा को जन्म दिया था।

यह घटना ईसाई धर्म के प्रमुख लेखकों द्वारा उल्लेखित की गई है, जैसे कि लूका और मत्ती इंजील में। इन लेखों के अनुसार, ईसा मसीह का जन्म इस्राएल के बैथलेहम शहर में हुआ था, जिसे यहूदी धर्म में मसीह का जन्मस्थल के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, इस घटना के समय के बारे में कुछ अन्य विवरण भी दिए गए हैं, जैसे कि वह एक गुफा में जन्म हुए थे क्योंकि वहां पर स्थान नहीं था और उन्हें एक गद्दी पर पड़ा रहना पड़ा था।

ईसा मसीह के बचपन का समय (Childhood time of Jesus Christ)

ईसा मसीह के बचपन का समय, उनके जीवन के वह महत्वपूर्ण दौर है जिसमें उन्हें बच्चों के रूप में उपलब्धि प्राप्त हुई थी और उनके विचारों और संदेशों की अंकुरण की शुरुआत हुई। इस दौर में ईसा मसीह ने अपने परिवार के साथ अपने जीवन के कई अनमोल पल बिताए और उन्होंने अपने उपदेशों की नींव रखी।

बाइबिल में बताया गया है कि ईसा मसीह का जन्म इस्राएल के बैथलेहम शहर में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम योसेफ और मरियम था, जो भगवान के प्रेरणा से उनके पालन-पोषण में लगे थे। उनके बचपन के दौर में भगवान ने उन्हें अपनी दिव्यता के साथ संभावना और साहस दिया था।

जन्म और विर्जिन बर्थ (Incarnation and Virgin Birth)

ईसा मसीह का जन्म विर्जिन मरियम से हुआ था, जिसे “विर्जिन बर्थ” या “इंकार्नेशन” कहा जाता है। यह भगवान के अवतारवाद का महत्वपूर्ण सिद्धांत है।

विचार एवं उपदेश (Teachings and Sermons) Jesus Biography in Hindi

jesus christ के जीवन में उन्होंने अपने उपदेशों और सीधे संदेशों के माध्यम से प्रेम, धर्म, क्षमा, और एकता की महत्वपूर्णता का जिक्र किया। उनके उपदेश भक्ति मार्ग, नैतिकता, और मानवता को समझाने में मदद करते हैं।

करिश्माएँ (Miracles)

ईसा मसीह के जीवन में कई चमत्कारी करिश्माएँ हुईं, जिनमें रोगियों का उपचार, मृतकों को जीवंत करना, पानी को वीन बनाना, और अन्य अद्भुत घटनाएं शामिल थीं। ये करिश्माएँ उनके भगवानी स्वरूप का प्रमाण करती हैं।

प्रदर्शन (Crucifixion)

ईसा मसीह के जीवन का एक महत्वपूर्ण पल उनकी प्रदर्शन (crucifixion) थी, जिसमें उन्हें खुदाई के विरुद्ध सजा दी गई। यह ईसाई धर्म में उनके पुनर्जीवन और उठाव के लिए महत्वपूर्ण घटना है।

पुनर्जीवन और पुनरागमन

ईसा मसीह के जीवन के अंत में उनकी पुनर्जीवन और पुनरागमन की घटना हुई, जिससे उनके अनुयायी और भक्तों को अच्छी खबर मिली। यह भगवानी सत्ता के प्रमाण के रूप में महत्वपूर्ण है।

ये कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं, जिनमें ईसा मसीह ने अपने जीवन के अलग-अलग माध्यम से मानवता के लिए एक अद्भुत संदेश छोड़ा था। उनके उपदेशों और करिश्माओं का संसारभर में व्यापक प्रभाव हुआ और आज भी उनका संदेश लोगों के जीवन में प्रेरणा का काम कर रहा है।

भारतीय संस्कृति में ईसा मसीह के प्रभाव Jesus Biography in Hindi

भारतीय संस्कृति में ईसा मसीह का प्रभाव एक महत्वपूर्ण विषय है। ईसाई धर्म के अनुयायी और भक्त भारतीय समाज में विभिन्न रूपों में मौजूद हैं और उनके धर्मिक विचार भारतीय संस्कृति और समाज पर गहरा प्रभाव डालते हैं।

आध्यात्मिक अनुष्ठान में प्रभाव: भारतीय संस्कृति में ईसा मसीह के आध्यात्मिक उपदेश और संदेश के प्रसार से लोगों के आंतरिक जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हुआ है। उनके उपदेश जैसे प्रेम, क्षमा, और एकता के संदेश भारतीय संस्कृति में सभ्यता, तिनतालियों के साथ रहने, और सहानुभूति के भाव को समर्थन करते हैं।

संस्कृति और कला में प्रभाव: ईसाई धर्म की भारतीय संस्कृति पर असर देखने का एक प्रमुख उदाहरण है चर्चों की वास्तुकला और संगीत। भारतीय चर्चों में उनके आराधना और भक्ति के लिए सुंदर वास्तुकला का उपयोग होता है और चर्चा गानों और भजनों के माध्यम से होती है।

साहित्य में प्रभाव: भारतीय साहित्य में भी ईसा मसीह के जीवन और संदेशों पर आधारित कई लेख, कविताएं, और कथाएं लिखी गई हैं। ईसाई धर्म के संदेश भारतीय साहित्य को भी अपने अन्तरंग भावों और समझ में अंतर्निहित करते हैं।

समाज में प्रभाव: ईसा मसीह के संदेश जैसे प्रेम और सहानुभूति के महत्वपूर्ण संदेश ने भारतीय समाज को एकता के माध्यम से जोड़ा है। ईसाई समाज भारतीय समाज में दया, सेवा, और समरसता के भाव को प्रमुख बनाता है।

शिक्षा में प्रभाव: ईसाई संस्कृति में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है और यह भारतीय संस्कृति में भी शिक्षा के प्रसार में मदद करता है। ईसाई स्कूल और कॉलेज भारतीय शिक्षा व्यवस्था में एक अहम भूमिका निभाते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम मानकों को स्थापित करते हैं।

ईसा मसीह की मृत्यु कब और कैसे हुई

ईसा मसीह की मृत्यु (Crucifixion) उनके जीवन के एक महत्वपूर्ण पल थी। बाइबिल के अनुसार, ईसा मसीह की मृत्यु ईस्राएल के राजा हेरोद एंटिपास के शासनकाल में और यहूदी धर्मिक नेताओं के संयोजन से हुई। विवादित तिथियों के बावजूद, विश्वस्त समझ में यह माना जाता है कि ईसा मसीह की मृत्यु ईस्वी सन् के लगभग 30-33 ईस्वी सन् में हुई थी।

मृत्यु की कहानी बाइबिल में इस प्रकार है:

जीसस मसीह को उनके द्वारा उपदेश देने, चमत्कार करने और लोगों को भगवान के राज्य के बारे में संदेश देने के कारण, यहूदी धर्मिक नेताओं द्वारा असहमति हुई। उन्हें बिल्कुल नायाब बनाने के लिए, उन्हें कई ख़ौफ़नाक साजिशों का सामना करना पड़ा।

इसी बीच, ईसा मसीह का एक उपद्रवक, यहूदा ईस्करियोत, ने उन्हें बेच दिया था। उसके पश्चात, ईसा येरुशलेम के शोध भवन में तलवार से अघातित हो गए, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हुए। उन्हें क्रूस पर चढ़ा दिया गया, जिसमें उन्हें फाँसी दी गई थी।

ईसा मसीह किसके अवतार है

ईसा मसीह को ईसाई धर्म के अनुयायियों के अनुसार, वे भगवान के अवतार हैं। ईसा मसीह को ईसाई धर्म के प्रमुख धार्मिक विचारधारा में भगवान के पुत्र और मानवता के उद्धारका रूप में माना जाता है। उन्हें सर्वशक्तिमान भगवान का प्रतिनिधित्व माना जाता है, जिन्होंने मनुष्यता के रूप में धर्मों की रक्षा के लिए संसार में अवतार लिया।

ईसा मसीह का सच

ईसा मसीह (Jesus Christ) के विषय में विश्वभर में विभिन्न धार्मिक, ऐतिहासिक और विचारधाराएं हैं। उनके बारे में लोगों की मतभेद विभिन्न कारणों से होते हैं।

ईसा मसीह को ईसाई धर्म में भगवान के अवतार और मनुष्यता के उद्धारका रूप में माना जाता है। ईसाई धर्म के अनुयायी ईसा मसीह के प्रति विश्वास रखते हैं और उन्हें भगवान के पुत्र, धर्मगुरु और मानवता के उद्धारका के रूप में स्वीकार करते हैं। उनके जीवन, उपदेश, मृत्यु और पुनर्जीवन पर विश्वास किया जाता है।

ईसा मसीह की पत्नी (Jesus wife name) Jesus Biography in Hindi

बाइबल के अनुसार, ईसा मसीह की कोई पत्नी नहीं थी। वे ब्रह्मचारी थे और एक अविवाहित जीवन जीवन बिताएं। इसके अलावा, कोई भी प्राचीन या ऐतिहासिक विद्वांस ने ईसा मसीह के साथ किसी पत्नी के बारे में कोई साक्षात्कारिक प्रमाण नहीं प्रस्तुत किया है।

ईसा मसीहके बारे में रोचक तथ्य (Jesus Facts)

  • jesus christ का जन्म ईस्राएल के बैथलेहम नगर में हुआ था। उनका जन्म 25 दिसम्बर को मनाया जाता है।
  • जीसस के माता-पिता का नाम मरियम और योसेफ था। उन्होंने विर्जिन मरियम से जन्म लिया था, जिसे “विर्जिन बर्थ” कहा जाता है।
  • वह ईसाई धर्म के संस्थापक माने जाते हैं और उनके उपदेश धर्म, प्रेम, क्षमा और सहानुभूति के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • उन्होंने कई चमत्कार किए, जिनमें रोगियों का उपचार, मृतकों को जीवंत करना, पानी को वीन बनाना और अन्य अद्भुत कार्य हैं।
  • jesus christ  के शिष्यों को “अपोस्तल” कहा जाता था।
  • ईसा मसीह के अधिकांश जानकारी बाइबिल में मिलती है, जो चार वस्तुसूत्रों में बनी हुई है – उपनिषद्वाक्य, वचनांग, उपकाण्ड, और निर्वाणांग।
  • jesus christ का संदेश भक्ति, समरसता, और सभ्यता की प्रोत्साहन करता है। उन्होंने धर्मिक अनुष्ठान में सभ्यता को बढ़ावा दिया।

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